कविता

लड़की…….

लड़की होना कोई जुर्म नहीं है
लड़की होना कोई अपराध नहीं।
लड़की पर ये अत्याचार
ये तो कोई इंसाफ़ नहीं।
लड़की की ये भोली सूरत।
जिस दिन ज्वाला बन जायेगी।
इस अग्नि में जलने से
दुनिया बच नहीं पायेगी।

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

6 thoughts on “लड़की…….

  • रमेश कुमार सिंह

    अच्छा!

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      ji ramesh kumar sir ji

  • उपासना सियाग

    लड़की जब तक शोर मचाती रहेगी , आगे हो कर जुल्म का सामना नहीं करेगी तब तक …..

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      ji bilkul shi

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

    • निवेदिता चतुर्वेदी

      sukriya

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