कन्या भ्रूण हत्या
कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा घिनौना अपराध है।यह करके मनुष्य आज और कल दोनों को अंधकार मय बना रहा है।उस अबोध शिशु का क्या अपराध जिसे इस धरा पर पैर रखने से पहले ही मार दिया जा रहा है।आखिर उसने एैसा क्या कर दिया जिससे लोग उसके जान के दुश्मन बन गये।
उसका यही अपराध था न कि वो लड़की पैदा होने वाली थी सिर्फ़ जुल्म लड़कियो के लिये ही लड़को के लिए नही ये घोर अन्याय ही नहीं घोर पाप हैं।इससे यह साबित होता है कि आज भी हमारे समाज में लड़का-लड़की में भेद भाव देखने को मिल रहा है
लड़कियों को लड़को के समान नहीं मिलता। लड़का- लड़की में भेद -भाव हमारे जीवन मूल्यों में आई खामियों को दर्शाता है।कन्या भ्रूण हत्या को बढावा देने वाले कुछ कारण में दहेज नाम का एक अभी शाप ऐसा है जो कन्या भ्रूण हत्या को और फैलाने सहायक है मँहगाई और गरीबी में कैसे -कैसे इन्सान अपने परिवार का पेट पालते हैं और उसके बाद दहेज की चिंता एक गरीब के लिए दहेज बोझ इतना अधिक होता हैं कि वह चाहकर भी अपनी देवी रूपी को उतना प्यार नहीं दे पाता जितने की वो हकदार होती है ।
लेकिन यह कन्या विरोधी नजरिया सिर्फ गरीब परिवारों तक सीमित नहीं हैं, अमीर दिखते लोगों में तो ज्यादा पैर पसार चुकी है अगर देखा जाए तो एक बड़ा दोष धार्मिक मान्यता का भी जो सिर्फ पुत्र को ही पिता या माता को मुखाग्नि देने हक देती है माँ बाप के बाद पुत्र को ही वंश आगे बढ़ाने का काम दिया जाता है। हिन्दू धर्म में लड़कियो को पिता की चिता में आग देने का अधिकार नहीं है.
बहुत अच्छा लेख.
धन्यवाद श्रीमान जी।
यह हमारे समाज पर एक कलंक है.
जी श्रीमान जी।