तेरे हुस्न से…
तेरे हुस्न से पिरोया अशआर हूँ मैं
तेरी ही चाहत का हूबहू इजहार हूँ मैं
मुझे यूँ ही भूला देना आसान नहीं हैं
तुझ पर इतना ज्यादा निसार हूँ मैं
दीदह ओ दिल में तुम्ही समाये रहते हो
इश्क़ में जिस्म ओ जाँ से सरशार हूँ मैं
तुम लौट कर ज़रूर आओगे एक दिन
बेकरारॆ हिज्र सा दर ओ दीवार हूँ मैं
जिसे तुम याद करके सिसकते हो
वो गलियाँ वो सड़कें वह दयार हूँ मैं
किशोर कुमार खोरेन्द्र
(अशआर =छंद ,इजहार =प्रगट होना ,निसार =कुर्बान
दीदह ओ दिल=, आँख और दिल ,सरशार =मस्त
बेकरार हिज्र =वियोग की बेचैनी ,दयार =शहर )
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<p>तेरे हुस्न से पिरोया अशआर हूँ मैं<br />
तेरी ही चाहत का हूबहू इजहार हूँ मैं </p>
<p>मुझे यूँ ही भूला देना आसान नहीं हैं<br />
तुझ पर इतना ज्यादा निसार हूँ मैं </p>
<p>दीदह ओ दिल में तुम्ही समाये रहते हो<br />
इश्क़ में जिस्म ओ जाँ से सरशार हूँ मैं </p>
<p>तुम लौट कर ज़रूर आओगे एक दिन<br />
बेकरारॆ हिज्र सा दर ओ दीवार हूँ मैं </p>
<p>जिसे तुम याद करके सिसकते हो<br />
वो गलियाँ वो सड़कें वह दयार हूँ मैं </p>
<p>किशोर कुमार खोरेन्द्र </p>
<p>(अशआर =छंद ,इजहार =प्रगट होना ,निसार =कुर्बान<br />
दीदह ओ दिल=, आँख और दिल ,सरशार =मस्त<br />
बेकरार हिज्र =वियोग की बेचैनी ,दयार =शहर )"