होली है,
आओ मिल कर खेलें होली ,रंग बिरंगी प्यारी होली,
प्यार और इकरार की होली, मस्ती और बहार की होली।
साली को भी इंतज़ार है ,कब जीजा रंग लगाएगा ,
चंदू करता इंतज़ार कब भोला भंग पिलाएगा,
देवर लेकर के पिचकारी ,भाभी पीछे भागा है,
देर से उठने वाला पप्पू सुबह सुबह ही जागा है ;
कहीं है बर्फी कहीं हैं लड्डू ,कोई गुजिया का मतवाला है,
आज कहीं कोई गैर नहीं है , हर कोई दिल वाला है ,
यारों की टोली ने भी देखो घर घर धूम मचाई है,
नयी नवेली दुल्हन सी ,चन्दरी चाची शरमाई है,
शर्मा वर्मा राजू सोनू, रंग रंगीले झूम रहे हैं,
नटखट बच्चे ले गुब्बारे बचने वालों पर टूट रहे हैं,
आओ ऐसे खेले होली-
जैसे कृषण राधा की होली,
जैसे ग्वाल गोपीयों की होली,
रंग अबीर गुलाल की होली,
धमाल और धूम मचाती होली,
होली को न हुड दंग बनाओ,
प्यार से सबको गले लगाओ,
सभी ग़मों को भूल के यारो,
होली में अपना रंग जमाओ ,
आओ साथियों घर से निकलो, आई होली की टोली है,
रंग में कोई भंग न डालो, बुरा ना मानो होली है,
—-जय प्रकाश भाटिया
बढ़िया होली गीत !