बाल कहानी : हीरा मोती
टिंकू स्कूल से घर जा रहा था । रास्ते में उसे एक दुबली–पतली भिखारिन मिली, जिसका पेट भूख के कारण अंदर घुस गया था। साड़ी भी जगह –जगह से फटी , मैली कुचैली। उसने अपनी कमजोर सी हथेली टिंकू के सामने फैला दी। उसे देख टिंकू को बहुत दुख हुआ। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि उसका कष्ट कैसे दूर करे। तभी उसे ध्यान आया उसके टिफिन में एक रोटी बची है । उसने झट से उसे निकाल सूखी सी हथेली पर रख दी और बोला – मुझे मालूम है तुम्हारा इससे पेट नहीं भरेगा पर मेरे पास देने को इसके अलावा कुछ नहीं है। पैसे भी नहीं है कि तुम्हें दे दूँ। लेकिन बड़ा होने पर ,वायदा —-तुम्हें बहुत सी रोटियाँ खिलाऊंगा । कहते हुए उसकी आँखों से झर झर आँसू बहने लगे ।
-बेटा तूने तो मुझे बहुत कुछ दे दिया । तेरे आँसू तो मेरे लिए हीरा मोती हैं ।
वह गरीब उसे दुआएं देती हुई बड़े चाव से रोटी चबाने लगी।
बहुत अच्छी और प्रेरक कहानी !