हाइकु
1
मिटती पीड़ा
मिलते स्नेही-स्पर्श
ओस उम्र सी ।
2
ईर्षा वाग्दण्ड
रिश्तो में डाले गांठ
टूटे धागा सी
3
उलझा रिश्ता
सुलझाये वागीश
ऊन लच्छा सा
4
स्नेह की थापी
बुझती वाड़वाग्नि
मृतवत्सा की।
5
स्वयं का बैरी
अति जल में लता
मनु दुर्मदी
1
मिटती पीड़ा
मिलते स्नेही-स्पर्श
ओस उम्र सी ।
2
ईर्षा वाग्दण्ड
रिश्तो में डाले गांठ
टूटे धागा सी
3
उलझा रिश्ता
सुलझाये वागीश
ऊन लच्छा सा
4
स्नेह की थापी
बुझती वाड़वाग्नि
मृतवत्सा की।
5
स्वयं का बैरी
अति जल में लता
मनु दुर्मदी
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बहुत सुन्दर हाइकु .
शुभ प्रभात भाई जी ….. बहुत बहुत धन्यवाद आपका _/_