“मित्र”
सहयोग हमेशा करो मित्र की,
खुशियाँ लेकर तन-मन-धन से।
काम सब पुरा करो उसकी,
मिल-मिलाकर इमान्दारी से।
खाना अगर तुम्हें आया हो,
उसे खिलाकर तुम खाओ।
फल मेवा अगर मिठाई हो,
मील बाट कर खाओ।
तुम्हारे हर काम में साथी भी,
हँसकर हाथ बटायेगा।
पड़ेगा अगर काम तुम्हें भी,
पूरा करके दिखलायेगा।