“कोशिश” -मुक्तक
यादों के झरोखों में मिलकर तैरते रहेंगे,
यादों रूपी दरिया में डुबे तो खो जायेंगे,।
मिलने की कोशिश करते रहना नहीं तो,
एक दूजे को सदा के लिये भूल जायेंगे।
अगर सभी कोशिश हमेशा करते रहेंगे।
एकदिन जरूर आपस में मिल जायेंगे।
उसके बाद खुशियाँ एक दूजे में बाटेंगे,
फिर हमेशा की तरह बात करने लगेंगे।
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यह तुकबंदी मुक्तक नहीं कही जा सकती. भाव अच्छे हैं, पर छंद के नियमों का पालन आवश्यक है. एक मुक्तक में सभी पंक्तियाँ समान आकार की होनी चाहिए.
धन्यवाद श्रीमान जी सुधार करने की कोशिश करेंगे।
अच्छी कविता .
धन्यवाद श्रीमान जी