कविता

महिला दिवस पर विशेष …

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ०८ मार्च को  मनाया जाता  है | वैसे तो भारतीय सन्दर्भों मे प्रत्येक दिन ही महिला दिवस है क्योंकि सत्ता से घर तक महिलाएं ही सर्वोपरि हैं | फिर भी फाइव स्टार सभ्यता वाली महिलाओं को महिला दिवस की शुभ कामनाएँ | इन महिलाओं से निवेदन है की एक बार घर मे काम कराने वाली बाई को भी महिला दिवस का अहसास कराएँ ताकि वह भी गर्व का अनुभव कर सकें |

नारी की मुक्ति का मतलब, क्या नग्नता कहलाता है ?

आधुनिकता का मतलब, उन्मुक्त व्यभिचार बन जाता है?

नारी ही क्यों फैशन मे, तन से कपडे कम करती है,

नारी खुद गर्भपात करा, क्यों नारी का शोषण करती है?

नारी मुक्ति की पहचान हो कैसे, इसका अर्थ बता डालो,

कौन पैमाना,कौन तराजू, हमको भी समझा डालो?

क्या माँ, बहन,बेटी कहलाना, नारी की पहचान नहीं,

क्या देवी सा मान मिले, इसमें नारी की शान नहीं?

क्या हाथों मे कृपाण थामना, नारी की पहचान यही है,

क्या नरमुंडों की माल पहनना, दुर्गा की बस शान यही है?

लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती, जगत जननी माँ कहलाती हैं,

विनम्रता ,सौम्यता और त्याग की, ये देवी कहलाती हैं |

जब कोई टकराता राक्षस , ये ही दुर्गा बन ज़ाती हैं,

पापियों का दमन करने को, चामुंडा भी बन ज़ाती है |

आधुनिकता की अंधी दौड़ में, मत नारी का अपमान करो,

पश्चिमी सभ्यता के भंवर में, नग्नता का मत गुणगान करो |

शिक्षित हो भारत की नारी , ऐसा कुछ तुम काम करो,

स्वाभिमान से चढ़े शिखर पर, मुक्ति का अभियान करो |

महिला दिवस मनाने से नहीं, नारी मुक्त कभी होगी,

नैतिकता जन-जन मे व्यापे, नारी की प्रतिष्ठा होगी |

डॉ अ कीर्तिवर्धन

2 thoughts on “महिला दिवस पर विशेष …

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    यह दिन लोगों को याद दिलाने का है कि नारीशक्ति को समझो और बलात्कार जैसे घिर्नत कामों को मन से निकाल कर नारी की शक्ति को बहुत आगे बड़ने दीजीए .

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