कविता

नारी …

न मैं राधा हूँ न मैं मीरा

न मैं सीता हूँ न मैं गांधारी

न मैं लैला हूँ न मैं सोहनी

न मैं देवी हूँ न मैं दासी

मैं तो सिर्फ ईश्वर की रचना

त्याग, प्रेम ,ममता ,वात्सल्य से

परिपूर्ण नारी हूँ ……….

जिसे कई नामों से

जाना , माना, पहचाना गया

पर अंतर मन की

जान सको तो  जानो

सिर्फ प्यार , मान , सम्मान

की उपेक्षक नारी हूँ मैं

सिर्फ नारी हूँ मैं ||

नहीं साहस मेरा मीरा बन

विरह का विष पी जाऊं

या बन राधा बंसी की धुन पर

सर्वस्व लुटा दूँ

या सीता बन सदा दूँ अग्नि परीक्षा

या बन गांधारी चलूँ आँखें मूँद

या बन सोहनी प्रेम की लहरों में डूब जाऊं

है इच्छा तो बस इतनी भर

नारी हूँ नारी ही समझी जाऊं

नारी हूँ नारी ही कहलाऊँ ||

माँ , बेटी , बहन , बहू

हर रिश्ते को मैं जीती हूँ

बस मिले प्यार के बदले प्यार

यही सदा में चाहूं

नारी हूँ नारी ही समझी जाऊं

नारी हूँ नारी ही कहलाऊँ ||

— मीनाक्षी सुकुमारन 

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |

3 thoughts on “नारी …

  • निवेदिता चतुर्वेदी

    bahut achha lga .

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अच्छी कविता .

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता !

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