मुक्तक/दोहा

मुक्तक : बच्चा और घडा कच्चा

चूने में लिपटा कोयला भी सफेद दीखता है
और बच्चा, जो भी देखता है वही सीखता है
कहने भर को तो कह देते हैं लोग आसानी से
जब बच्चा औ घड़ा कच्चा एक सा टिकता है।

— श्याम स्नेही 

श्याम स्नेही

श्री श्याम "स्नेही" हिंदी के कई सम्मानों से विभुषित हो चुके हैं| हरियाणा हिंदी सेवी सम्मान और फणीश्वर नाथ रेणु सम्मान के अलावे और भी कई सम्मानों के अलावे देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुति से प्रतिष्ठा अर्जित की है अध्यात्म, राष्ट्र प्रेम और वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर इनकी पैनी नजर से लेख और कई कविताएँ प्रकाशित हो चुकी है | 502/से-10ए, गुरुग्राम, हरियाणा। 9990745436 ईमेल[email protected]