आजादी के सत्तर साल बाद समस्त देशवासी गौरवान्वित हैं कि- देश के लिए शहीद सैनिकों को समर शहीद स्मारक देश को समर्पित किया गया, जो किसी भी देश के लिए जरूरी भी है। पर, उन भूले-बिसरे शहीदों को आज तक क्या मिला, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी है। जिनके […]
Author: श्याम स्नेही
क्षेत्रवाद का नँगा नाच
बहरहाल गुजरात से यू पी, बिहार के लोगों का खदेड़ा जाना, महाराष्ट्र में मानवता को तिलांजलि देकर मार-पिटाई करना जैसी शर्मनाक घटनाएँ क्या राष्ट्रीयता को शर्मसार नहीं करती ? जबकि यू पी और बिहार में प्रायः सभी राज्यों के लोग बखूबी जीवन-यापन कर रहे हैं। यदि प्रतिशोध की चिंगारी शोला बन जाय तो उन राज्यों […]
व्यंग्य- वर्तमान में कृष्ण
हर साल हमारे देश में करोड़ों कृष्ण पैदा लेते रहे हैं। कोई नई बात नहीं है। शास्त्रीय गणना के अनुसार, कंस कारागार में जन्मे द्वापर के कृष्ण से ही गणना करें, तो लगभग साढ़े पाँच हजार साल पूर्व से मानें और कृष्ण में आस्था रखनेवाले देशी-विदेशियों की संख्या से गुणित करें तो कृष्ण की संख्या […]
काश्मीर समस्या एक नासूर
पूत के पाँव पलने में देखे जाते हैं। आज लगभग सभी लोग अंग्रेजी के इस मुहाबरे से भी परिचित होंगे कि- “Morning shows the day” । कमोबेश आज देश में घटित एक विशेष राजनैतिक उठा-पटक की घटना के संदर्भ में विचारणीय तो हो ही जाता है। मूल प्रश्न राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय विरोध के अंतर्द्वंद […]
कुछ अंतर्मन की बात
जो जानना चाहें दिल खोलकर जानें और न जानना चाहें, भूलकर भी न झांकें आजादी के बाद राजनीति की उबड़-खाबड़ समतल जमीन पर अनाजों की नहीं, जांबाजों की खेती हुई है इस देश में। गद्दार राष्ट्रभक्तों के वेष में। उपजते रहे सेवा के नाम पर मेवा बटोरनेवाले बिगड़ैल साहबजादे शौकिया सेवक। समस्याओं को सुलझानेवाले सपनों […]
वर्तमान बिक्रम सम्वत का अद्भुत संदेश
बात नव वर्ष विक्रम सम्बत 2075 जो 18 मार्च’18 को प्रारम्भ होता है। आखिर क्या सन्देश अन्तर्निहित है इस नववर्ष के गर्भ में, मानवता के संदर्भ में। आईये जरा गौर तो करें हम अपने नजरिये से- सबसे पहले जो अनाज क्रम से घड़े में पहले जाता है वह बाद में भी कर्म से […]
शहीदों के नाम पर लगेंगे हर बरस मेले
विश्व मे शहीदों के याद में अगर कहीं मन्दिर है तो मैनपुरी जिले के बेवर में हैं। जहाँ 26 शहीदों की प्रस्तर प्रतिमा विराजमान ही नहीं, पूजे भी जाते हैं। यह शहीद-मेला 1972 से आरम्भ होकर वर्ष 2018 के अपने 46वें वर्ष को शहीद पंडित गेंदालाल दीक्षित जी के नेतृत्व में क्रांतिकारियों की संस्था “मातृवेदी” […]
स्वास्थ्य जगत और उपचार के अविश्वसनीय माध्यम
साँसों द्वारा चिकित्सा (स्वर-विज्ञान), प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक उपचार विश्व के किसी भी संस्कृति में संसार का सार शरीर माना गया है | शरीर है तो संसार है, जब शरीर ही स्वस्थ्य नहीं तो संसार का कोई महत्त्व नहीं, खासकर सनातन संस्कृति में स्वस्थ्य शरीर को बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है | शायद इसलिए भी सनातन […]
कर्जमाफी – एक मुद्दा या सवाल
आजकल देश मे कर्जमाफी का मुद्दा जोरों पर है। हर राजनैतिक दल कर्जमाफी की नैया से राजनैतिक बैतरणी पर उतरने की जुगत में लगा हुआ प्रतीत हो रहा है। उद्योगपतियों और पूंजीपतियों से कोई राजनैतिक दल कर्जमाफी का वादा नहीं करता बल्कि राज्यों के बहुसंख्यक किसानों से कर्जमाफी की बात जरूर करता है। क्योंकि आज […]
गीत : जातिवाद का जहर
जातिवाद का जहर, थोड़ा इधर-थोड़ा उधर सम्प्रदायों का कहर, थोड़ा इधर-थोड़ा उधर खेल ऐसा स्वार्थी, सत्तालोलुप ही खेल रहे सीना ज्यों खखोरता थोड़ा ठहर-थोड़ा ठहर। करनी से गद्दी गई अब जाएं तो जाएं किधर जातिवाद का जहर, थोड़ा इधर-थोड़ा उधर।। जुल्म-ओ-सितम खेल जिनके बाएं हाथ का चोरी औ सीनाजोरी से रिश्ता साथ-साथ का चोर-उचक्के, भ्रष्टाचारी […]