गीत : यारो आज शहीद दिवस है…
० शहीद दिवस :२३ मार्च ०
(आज ही के दिन २३,मार्च सन् १९३१ को आज़ादी के दीवाने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव भारत माँ की रक्षा के लिए हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ गए।उन्हें एवं ऐसे समस्त आज़ादी के परवानों को शत-शत नमन)
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छन्द:
ढूँढें उन्हें कहाँ अब, किस राह में, नगर में
जो छुप गए हैँ जाके गुमनाम सितारों में
जो मिट गये वतन की करते हुये हिफ़ाजत
आओ दिये जलायें सुनसान मज़ारों में
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गीत
यारो आज शहीद दिवस है,
वीरों का गुण-गान करें।
हँसते-हँसते सूली पर चढ़ गये,
उन्हें सम्मान करें ।।
आज़ादी के दीवानों का,
जज़्बा बड़ा निराला था ।
‘माँ’ को मुक्त कराने का ही,
बस इक सपना पाला था ।
उनकी क़ुर्बानी का कुछ
आओ हम भी प्रतिदान करें।।
हँसते-हँसते सूली पर……
उनका ये बलिदान-त्याग,
बरबाद कहीं ना हो जाए।
आपस के झगड़ों में यारों,
आज़ादी ना खो जाए ।
देश के अन्दर-बाहर के,
दुश्मन पर शर-संधान करें।।
हँसते-हँसते सूली पर……
आओ हमभी आज क़सम लें,
भारत माँ ख़ुशहाल बने।
शत-शत नमन करें उस माँ को,
जिसने ऐसे लाल जने ।
‘भान’भगत,सुखदेव,राजगुरु
पर आओ अभिमान करें।।
हँसते-हँसते सूली पर……..
— उदय भान पाण्डेय ‘भान’
२३, मार्च ‘ २०१५ ,लखनऊ
मो० – 9415001459
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
धन्यवाद
बहुत अच्छा गीत , उन शहीदों का ऋण हम कभी भी चुका नहीं सकते . भगत सिंह दत्त वतन के शैदाई , देश बदले जवानी लुटाई , फंसी के तख्ते पर , चढ़ गए यह थे निडर , नारा मारा , झंडा ऊंचा रहे यह हमारा .
बहुत अच्छा और प्रेरक गीत, पाण्डेय जी. आशा है, आपकी और भी रचनाएँ ‘जय विजय’ में पढने को मिलेंगी.
धन्यवाद विजय जी