हास्य-व्यंग्य के संग, मचायें होली का हुड़दंग, अबिर-गुलाल उड़ाकर छेड़ें, प्रीति-प्यार की जंग। गुझिया खाकर, पिएं मिलाकर ठंढाई में भंग, ‘भान’,चलायें भरि पिचकारी, विविध काव्य के रंग।। — उदयभान पाण्डेय ‘भान’
Author: उदय भान पाण्डेय
ग़ज़ल
याद दिल से न कभी, माँ की, निकल पाती है हर तरफ़ माँ की ही, तस्वीर नज़र आती है बन्द आँखों में उभर आती है मूरत उसकी उसके आँचल से, ख़ुदाई की महक आती है अपनी ख़ातिर न किसी से कभी कुछ भी माँगा उम्र बच्चों की हिफ़ाज़त में गुज़र जाती है एक धड़का सा, […]
मुक्तक
जब ख़यालों में कभी, माँ से लिपट जाता हूँ, ऐसा लगता है कि मैं उम्र में घट जाता हूँ। मेरे एहसास को, जन्नत का गुमां होता है, जाके जब गोद में, बच्चे सा सिमट जाता हूँ।। — उदयभान पाण्डेय ‘भान’
ग़ज़ल : कोरोना का क़हर
ये कोरोना का क़हर, साज़िशों की बू आये हर तरफ़ मौत का डर, आँखों में आँसू आये घर को, घर के ही चराग़ों ने है जला डाला गाँव शमशान हुए, लाशों से बदबू आये सारी दुनियाँ हुई हलकान महामारी से रंग इसका, न कोई रूप, न ख़ुश्बू आये हम रुकेंगे, न थकेंगे, ये जंग जीतेंगे […]
गीत – आओ ऐसा दीप जलायें
आओ ऐसा दीप जलायें, मन का तिमिर मिटायें हृदय प्रेम से आलोकित हो, नफरत दूर भगायें जिनको नहीं चिराग मयस्सर, उनको गले लगायें सिर्फ न अपना घर हो रौशन, घर घर दीप जलायें आओ ऐसा दीप जलायें छोटा सा माटी का दीपक, नन्हा जुगनू प्यारा रात रात भर खुद जल जलकर, फैलाता उजियारा आओ हम […]
ग़ज़ल – आया है नया साल
आया है नया साल, चलो एहतेराम कर लें गुज़रे हुए लम्हात के क़िस्से तमाम कर लें झगड़े, फ़सादो-नफ़रत, उल्फ़त के नाम कर लें लाये जो इन्क़लाब कुछ ऐसे कलाम कर लें चारों तरफ़ है धूल – धुआँ, धुंध का आलम क़ुदरत के ख़ज़ाने को बचाने का काम कर लें बेटी की हो हिफ़ाज़त, खोये न […]
ग़ज़ल : परदेस के मेले में
रहते हो पास में तुम, परदेस के मेले में होते न हो कभी गुम, परदेस के मेले में रोली, न कहीं कुमकुम, परदेस के मेले में सोये हुए हैं अंजुम, परदेस के मेले में परदेस में मिलती है मुस्कान भी मुश्किल से याद आये वो तबस्सुम, परदेस के मेले में उल्फ़त के जो तराने तुमने […]
गीत – विश्व योग दिवस : 21 जून
है “विश्व योग दिवस” आज, नेक काम कर लो। कुछ कसरतें, श्वसन-क्रियायें, प्राणायाम कर लो।। हैं योग की ये शक्तियां नायाब दोस्तो । हर रोज़ योग-आसनों को तुम किया करो। तप-योग से हर रोग का क़िस्सा तमाम कर लो। कुछ कसरतें, श्वसन-क्रियायें, प्राणायाम कर लो।। है “विश्व योग दिवस” …….. अनुलोम और विलोम, भस्त्रिका ये […]
ग़ज़ल
इस दुनियां में इंसानों के क़िस्से बड़े निराले हैं ऊपर से तो दिखते उजले, पर अंदर से काले हैं जिन हाथों ने पाला-पोसा उनको ही डँस लेते हैं धरती मां ने दूध पिलाकर, नाग कई ये पाले हैं अपने सीने से चिपकाए रक्खा जिनको जननी ने उन गद्दारों ने मां की छाती-छलनी कर डाले हैं […]
ग़ज़ल
ये मेरा दिल है, तेरे शहर का बाज़ार नहीं प्यार करता है फ़क़त, प्यार का व्यापार नहीं नातवां हूँ मैं मगर इतना भी लाचार नहीं इश्क़ का मेरे मुक़ाबिल कोई बीमार नहीं भुला दे करके जो वादा मैं वो किर्दार नहीं तेरा मुज़रिम ही सही पर मैं गुनहगार नहीं एक मुद्दत से तुझे दिल में […]