गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

ये मेरा दिल है, तेरे शहर का बाज़ार नहीं
प्यार करता है फ़क़त, प्यार का व्यापार नहीं

नातवां हूँ मैं मगर इतना भी लाचार नहीं
इश्क़ का मेरे मुक़ाबिल कोई बीमार नहीं

भुला दे करके जो वादा मैं वो किर्दार नहीं
तेरा मुज़रिम ही सही पर मैं गुनहगार नहीं

एक मुद्दत से तुझे दिल में लिए बैठा हूँ
फिर भी क्यूँ तेरी मोहब्बत का मैं हक़दार नहीं

फिर से इक बार इन आँखों को रौशनी दे दे
बड़ी मुद्दत से हुआ है, तेरा दीदार नहीं

फ़ैसला जो भी हो तेरा वो बता दे मुझको
मुझसे अब और तेरा होगा इंतज़ार नहीं

यूँ सताता है इसे तेरी जुदाई का अलम
‘भान’ का इस दिले-पागल पे अख़्तियार नहीं

उदय भान पाण्डेय ‘भान’

उदय भान पाण्डेय

मुख्य अभियंता (से.नि.) उप्र पावर का० मूल निवासी: जनपद-आज़मगढ़ ,उ०प्र० संप्रति: विरामखण्ड, गोमतीनगर में प्रवास शिक्षा: बी.एस.सी.(इंजि.),१९७०, बीएचयू अभिरुचि:संगीत, गीत-ग़ज़ल लेखन, अनेक साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव