मुक्तक/दोहा

मुक्तक

जब ख़यालों में कभी, माँ से लिपट जाता हूँ,
ऐसा लगता है कि मैं उम्र में घट जाता हूँ।
मेरे एहसास को, जन्नत का गुमां होता है,
जाके जब गोद में, बच्चे सा सिमट जाता हूँ।।

— उदयभान पाण्डेय ‘भान’

उदय भान पाण्डेय

मुख्य अभियंता (से.नि.) उप्र पावर का० मूल निवासी: जनपद-आज़मगढ़ ,उ०प्र० संप्रति: विरामखण्ड, गोमतीनगर में प्रवास शिक्षा: बी.एस.सी.(इंजि.),१९७०, बीएचयू अभिरुचि:संगीत, गीत-ग़ज़ल लेखन, अनेक साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव