व्यंग्य- सूट की नीलामी
एक राजनीतिक सभा में
रामदेव जी के एक शिष्य ने कहा-
अब हमारे स्वामी जी भी
मोदी जी की तरह काम करेंगे
वे भी अपना सूट नीलाम करेंगे
मैंने कहा-आप हमें बेवकूफ समझते हैं
स्वामी जी सूट कहाँ पहनते हैं?
वो बोला-दूरदर्शिता के मामले में
हमारे स्वामी जी आज भी आगे हैं
कल भी आगे थे
उन्होंने वो लेडीज सूट
अभी तक संभाल कर रखा है
जिसे पहनकर रामलीला ग्राउंड से भागे थे
एक सपाई से नहीं रहा गया
वो कूद कर माइक के सामने आ गया
बोला-हमारे नेता जी का कद
क्या किसी से छोटा है
उनके पास आज भी वो लंगोटा है
जिसे पहनकर पहली बार
वे अखाड़े में उतरे थे
पर सबके कहने के बावजूद
वे उसे नीलामी में नहीं लगाते हैं
क्योंकि राजनीतिक क्षेत्र में
दाँव-पेंच की प्रेरणा
वे आज भी उसी से पाते हैं
आप का नेता भी
अपने आप को नहीं रोक पाया
बिना माइक के ही चिल्लाया-
हमारे नेता जी तो इस दिशा में
और भी बड़ा कमाल करके दिखा सकते हैं
अब उनकी खांसी ठीक हो गयी है
वे अपना मफलर नीलामी में
लगा सकते हैं
लेकिन उनके वादे ही
उनके आड़े आ रहे हैं
मुफ्त में बिजली-पानी
और वाई-फाई लेने वाले लोग
उनका मफलर भी मुफ्त में लेना चाह रहे हैं
तभी एक बसपाई बोला-
क्या इधर-उधर की बातें भेड़ रहे हैं
बात सूट की चल रही है
आप लंगोट और मफलर को बीच में घुसेड़ रहे हैं
हमारी बहन जी तो
उस सूट की नीलामी के लिये राजी थीं
जिसे पहनकर पहली बार
मुख्यमंत्री पद पर विराजी थीं
पर उनका वो सूट मिल ही नहीं रहा है
पता नहीं कहाँ खो गया है
लगता है जैसे किसी ने खोद कर कहीं गाड़ दिया है
कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि
उनके ही कुछ हाथियों ने उसे फाड़ दिया है
मैंने मौन बैठे एक कांग्रेसी से पूछा-
आप अपने युवराज के बारे में
कुछ नहीं बतायेंगे
वे नीलामी में क्या लगायेंगे
वो बोला-
उन्होंने तो नीलामी में बहुत बड़ा इतिहास रचा है
पिछले चुनाव उन्होंने पूरी पार्टी को ही लगा दिया था
अब उनके पास क्या बचा है
मैंने एक सामान्य आदमी से पूछा-
इस बारे में आपकी क्या राय है
वो बोला-
ये तो नेताओं की अतिरिक्त आय है
पर कहीं ऐसा न हो कि
अतिरिक्त आय की यह भूख इतनी अधिक बढ़ जाये
कि एक दिन
पूरा देश ही नीलामी की भेंट चढ़ जाये
बकौल शायर-
जो डलहौजी पाया वो ये हुक्काम कर देंगे
कमीशन दो तो पूरे मुल्क को नीलाम कर देंगे।
— डाॅ.कमलेश द्विवेदी
बहुत शानदार व्यंग्य डॉ कमलेश द्विवेदी
!
बहुत शानदार व्यंग्य !