दूर तुमसे…..
दूर तुमसे मैं तो रह नहीं पाता
बात तुमसे यह कह नहीं पाता
बिखरा बिखरा सा अब रहता हूँ
जुदाई तुम्हारी सह नहीं पाता
विरह की ईटों से बना मीनार हूँ
तेरी दुआ साथ हैं ढह नहीं पाता
तेरी याद में बर्फ सा जम गया हूँ
तेरे विपरीत मैं बह नहीं पाता
किशोर कुमार खोरेन्द्र