दोहागीत – मतलब का है प्यार
दोहागीत
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मतलब की है दोस्ती, मतलब का है प्यार।
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।।
दुनियाभर में प्यार की, बड़ी अनोखी रीत।
गैरों को अपना करे, ऐसी होती प्रीत।।
उपवन सींचो प्यार से, मुस्कायेंगे फूल।
पौधों को भी चाहिए, नेह-नीर अनुकूल।।
छोटे से इस शब्द की, महिमा अपरम्पार।
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।१।
छोटी सी है ज़िन्दग़ी, काहे को अभिमान।
तन नश्वर है सभी का, होना है अवसान।।
दिल से निकले भाव ही, देते हैं उल्लास।
जीवन को करते सरस, हास और उपहास।।
सावन में अच्छे लगें, छींटे औ’ बौछार।
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।२।
साथ-साथ चलते सदा, आँसू औ’ मुस्कान।
दोनों ही हालात में, उर से उपजे गान।।
ढाई आखर में छिपा, दुनियाभर का मर्म।
प्यार हमारा कर्म है, प्यार हमारा धर्म।।
प्यार नहीं है वासना, ये तो है उपहार।।
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।३।
जीव-जन्तु भी जानते, क्या होता है प्यार।
आ जाते हैं पास में, सुनकर मधुर पुकार।।
प्यार-प्रीत की राह में, आया है व्यापार।
महकेगा कैसे भला, उपवन का श्रृंगार।।
ढली “रूप” की धूप तो, बदल गया संसार।
मतलब के ही वास्ते, होती है मनुहार।४।
— डॉ. रूपचन्द शास्त्री ‘मयंक’
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी …बेह्तरीन अभिव्यक्ति
प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे
प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है
प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुम
प्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार पर हर किसी का अधिकार है
badhiya geet sir
बहुत सुन्दर और मधुर गीत !