हाइकु/सेदोका

माहिया

 

काँटों में कलियाँ हैं
बिटिया की बतियाँ
मिसरी की डलियाँ हैं ।१

क्या थी कुव्वत मुझ में
बाँट दिया रब ने
माँ ! बिटिया में , तुझ में । २

क़िस्से दिन रातों के
संग खिलौने हैं
मीठी सी बातों के । ३

मिलने की आस बँधी
झूम उठी बगिया
फूलों से ख़ूब लदी । ४

क्यों नैन भिगोती है
बंद सदा रखना
मुट्ठी में मोती है । ५

ढूँढो तो राह मिले
स्नेह सहित सींचे
ख़ुशियों के फूल खिले । ६

जग जान कहाँ पाया
मर्यादा भूला
मन मान कहाँ पाया । ७

वादे से मुकर गए
ख़्वाब बहारों के
पलकों पे गुज़र गए । ८

नैनों में सपने हैं
दुर्दिन कह जाएँ
कब ? कितने ? अपने हैं । ९

दीं चोटें फूलों ने
बींध दिया मनवा
सुधियों के शूलों ने । १०

कुछ बढ़ कर अटक गए
यश पाया थोड़ा
फूले, पथ भटक गए । ११

अनुभव ने सिखलाया
चंदन थे , जग ने
विषधर बन दिखलाया । १२

रुत आनी जानी है
सुख-दुख साथ चलें
ये रीत पुरानी है । १३

इतना उपकार करो
मेरी भी नैया
माँ ! भव से पार करो । १४

पग-पग पर हैं पहरे
बख्शे दुनिया ने
हैं ज़ख़्म बहुत गहरे । १५

 डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

परिचय : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0) शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि ( लब्ध स्वर्ण-पदक )एवं पी-एच 0 डी0 शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन । प्रकाशन : 'ओस नहाई भोर'(एकल हाइकु-संग्रह), 'महकी कस्तूरी'(एकल दोहा-संग्रह), 'तुमसे उजियारा है' (एकल माहिया-संग्रह) । अन्य प्रकाशन - ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह), हिन्दीहाइकुप्रकृति-काव्यकोश,, डॉसुधागुप्ताकेहाइकु मेंप्रकृति( अनुशीलनग्रन्थ),हाइकु –काव्यशिल्पएवंअनुभूति,समकालीनदोहाकोशमेंरचनाएँप्रकाशित।विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल, अनुभूति, अविराम साहित्यिकी, रचनाकार, समृद्ध सुखी परिवार,सादर इंडिया, उदंती, लेखनी, शोध दिशा, राजभाषा आश्रम सौरभ , यादें, अभिनव इमरोज़, सहज साहित्य, त्रिवेणी, हिंदी हाइकु, लघुकथा . कॉम, साहित्य कुञ्ज, विधान केसरी, प्रभात केसरी, नूतन भाषा-सेतु,नेवा: हाइकु, सरस्वतीसुमन आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका,चोका,गीत,माहिया,दोहा, कुंडलियाँ, घनाक्षरी, ग़ज़ल, बाल कविताएँ, समीक्षा, लेख, क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन । ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in सम्प्रति : स्वतन्त्रलेखन सम्पर्क :एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला- वलसाड, गुजरात (भारत ) पिन- 396191 e-mail [email protected] [email protected]

2 thoughts on “माहिया

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी माहिया कवितायेँ ! वाह !

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      हार्दिक धन्यवाद आदरणीय !

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