दोहे : करते शब्द प्रहार
प्रेम पूर्ण व्यवहार से, बढ़ता प्यार अपार,
मधुर वचन से आदमी, जीत सके संसार |
शब्दों के क्या अर्थ हैं, पहले करे विचार,
संबंधों की डोर पर, करते शब्द प्रहार |
नैतिकता बेजार है, भारी अब बाजार,
लेन-देन हावी हुआ, कमतर है व्यवहार |
घोर प्रदूषण खा रहा, उगतें सुंदर फूल,
मानवता की राह में, बिछतें देखे शूल |
जीवों का आदर करें, प्रेम पूर्ण व्यवहार,
याद रहेंगे कृत्य ही, छोड़ें जब संसार |
कड़वी हो सच्चाइयाँ, पर अच्छा बर्ताव,
गाँठ कभी बाँधे नहीं, मन में रख दुर्भाव |
नेता जब करने लगे, सबसे सद्व्यहार,
राम राज्य की कल्पना,तब होगी साकार |
गुरु चेलें के बीच में, बना रहे सद्भाव,
सदाचार की सीख से, आता आदर भाव |
संतोषी मन भाव से, करे ह्रदय को तृप्त,
इच्छाएं बढती रहे, रहता मन संतप्त |
— लक्ष्मण रामानुज लडीवाला, जयपुर