उड़ते हुए…..
तेरे और मेरे बीच
क्या है नाता
न तुम्हें पता
न मुझे पता
तुम नन्ही चिड़िया सी हो
तुम्हारी छोटी छोटी आँखों में
बड़े बड़े आकाश हैं
तुम रंगीन पंख वाली तितली सी हो
पंखुरियों की महक से
भरी हुई तुम्हारी सांस है
मैं डरता हूँ की तुम
ख़ुशी से फूल कर गुब्बारे की तरह उड़ते हुए आकर
मुझ आवारा बादल से टकरा कर
फूट न जाओ
मैं तुम्हें तितली की तरह
सिर्फ उड़ते हुए देखना चाहता हूँ
किशोर कुमार खोरेन्द्र