क्षणिका : ज़िन्दगी
कोशिश तो बहुत की है
ज़िन्दगी ने रुलाने की,
लेकिन मेरी भी जिद है
इसे हंस के बिताने की !
— धर्म सिंह राठौर
कोशिश तो बहुत की है
ज़िन्दगी ने रुलाने की,
लेकिन मेरी भी जिद है
इसे हंस के बिताने की !
— धर्म सिंह राठौर
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कुछ लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया, अच्छा लगा.
धन्यवाद सर