2 thoughts on “क्षणिका : ज़िन्दगी

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    कुछ लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया, अच्छा लगा.

    • धर्म सिंह राठौर

      धन्यवाद सर

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