कवितापद्य साहित्य

कुछ तुम्हारे मिले, कुछ हमारे मिले..!

लहर-दर-लहर किनारे मिले,
कुछ तुम्हारे मिले,
कुछ हमारे मिले..!
हाथों की रेखा बदलती है किस्मत,
तुम ही बताओ क्या कीजै ये मेहनत?
सरी राह सपनों के सितारे मिले…
कुछ तुम्हारे मिले,
कुछ हमारे मिले..!
पागल हवा ने दिया है संदेशा,
बिलकुल तुम्हारी लिखावट के जैसा,
ख़तों में गुलों के नज़ारे मिले…
कुछ तुम्हारे मिले,
कुछ हमारे मिले..!
झुलस जाएंगे जो अगर गिर पड़ी,
फूलों पे तुम्हारी आंसू की लड़ी,
ये फूल ‘प्रजापति’ के द्वारे मिले…
कुछ तुम्हारे मिले,
कुछ हमारे मिले..!!

एस.एन.प्रजापति

सूर्यनारायण प्रजापति

जन्म- २ अगस्त, १९९३ पता- तिलक नगर, नावां शहर, जिला- नागौर(राजस्थान) शिक्षा- बी.ए., बीएसटीसी. स्वर्गीय पिता की लेखन कला से प्रेरित होकर स्वयं की भी लेखन में रुचि जागृत हुई. कविताएं, लघुकथाएं व संकलन में रुचि बाल्यकाल से ही है. पुस्तक भी विचारणीय है,परंतु उचित मार्गदर्शन का अभाव है..! रामधारी सिंह 'दिनकर' की 'रश्मिरथी' नामक अमूल्य कृति से अति प्रभावित है..!

2 thoughts on “कुछ तुम्हारे मिले, कुछ हमारे मिले..!

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह वाह ! बहुत खूब !!

    • सूर्यनारायण प्रजापति

      धन्यवाद बड़े भाईसाहब

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