कविता

दोहों में पर्यावरण

बिगड़ते पर्यावरण पर, उठ रहे हैं सवाल।
मानव की खुदगर्जी से, कुदरत है बेहाल।। १

औद्योगिकरण क्रांति से, होय जग में विनाश।
गंगा माँ मैली हुई, क्या यही है विकास? २

सावन अब बरसे नहीं, तपे नहीं है जेठ।
किसानी त्रासदियाँ बन, भरे नहीं है पेट।। ३

औद्योगिक अवशिष्ट बह, नदियां होय खराब।
हुआ है जल जहरीला, जीना हुआ हराम।। ४

जल का प्रदूषण न कर, जल है मूल्यवान।
जल प्रबंधन सही कर, जल जीवन की जान।। ५

जंगलों के कटने से, मिलता न वर्षा लाभ।
सूखा, महामारी को, भोगे है इंसान।। ६

पर्यावरण विष से भरा, जग में हाहाकार।
करे कुदरत का दोहन, खुद नर जिम्मेदार।। ७

होता कांक्रीटीकरण, हरियाली है खोय।
आबादी की बढ़त से, खुशहाली है रोय।। ८

पर्यावरण खराबी से, सूरज उगले आग।
तड़पें जल, थल, नभ जीव, बिना मेघ के प्यास।। ९

जंगलों को बर्बाद कर, बन रहें हैं मकान।
कुदरत की पड़ती मार, आते हैं तूफ़ान।। १०

मंजु गुप्ता

जन्म : २१. २. १९५३ , ऋषिकेश , उत्तरांचल शिक्षा : एम.ए ( राजनीति शास्त्र ) , बी.एड शिक्षण : हिंदी शिक्षिका, जयपुरियार सीबीएससी हाईस्कूल, सानपाड़ा नवीमुंबई संप्रति : सेवा निवृत मुख्य अध्यापिका , श्री राम है स्कूल , नेरूल , नवी मुंबई। कृतियाँ :प्रांतपर्वपयोधि काव्य,दीपक नैतिक कहानियाँ,सृष्टि खंडकाव्य,संगम काव्य अलबम नैतिक कहानियाँ , भारत महान बालगीत सार निबंध,परिवर्तन कहानियाँ। प्रेस में : जज्बा ( देश भक्ति गीत ) रुचियाँ : बागवानी , पेंटिंग , प्रौढ़ शिक्षा और सामाजिकता प्रकाशन : देश - विदेश की विभिन्न समाचारपत्रों ,पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। उपलब्धियां : समस्त भारत की विशेषताओं को प्रांतपर्व पयोधि में समेटनेवाली प्रथम महिला कवयित्री , मुंबई दूरदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव पर कवि सम्मेलन में सहभाग , गांधी जीवन शैली निबंध स्पर्धा में तुषार गांधी द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित , माॅडर्न कॉलेज वाशी द्वारा सावित्री बाई फूले पुरस्कार से सम्मानित , भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा प्रीत रंग में स्पर्धा में पुरस्कृत , आकाशवाणी मुंबई से कविताएँ प्रसारित , विभिन्न व्यंजन स्पर्धाओं में पुरस्कृत, दूरदर्शन पर अखिल भारतीय कविसम्मेलन में सहभाग । सम्मान : वार्ष्णेय सभा मुंबई , वार्ष्णेय चेरिटेबल ट्रस्ट नवी मुंबई , एकता वेलफेयर असोसिएन नवी मुंबई , मैत्री फाउंडेशन विरार , कन्नड़ समाज संघ , राष्ट्र भाषा महासंघ मुंबई , प्रेक्षा ध्यान केंद्र , नवचिंतन सावधान संस्था मुंबई कविरत्न से सम्मानित , हिन्द युग्म यूनि कवि सम्मान , राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच दिल्ली द्वारा महिला शिरोमणी अवार्ड के लिए चयन आदि। संपर्क :19, द्वारका, प्लॉट क्रमांक 31, सेक्टर 9A वाशी, नवी मुंबई400703 भारत . फोन : 022 - 27882407 / 09833960213 ई मेल : [email protected]

2 thoughts on “दोहों में पर्यावरण

  • विजय कुमार सिंघल

    कुछ तकनीकी कमियों के बाद भी दोहे प्रभावशाली हैं.

Comments are closed.