ग़ज़ल
प्यार करना सिखा जाना |
साथ मरना सिखा जाना ||
चूम कर हाथ होठों से |
पीर हरना सिखा जाना ||
दूर जाऊं तो आँखों में |
नीर भरना सिखा जाना ||
जिन्दगी में जो आये दुःख |
धीर धरना सिखा जाना ||
कूद जाऊं मुहब्बत में |
तू ही डरना सिखा जाना ||
— अनन्त आलोक
अतीव सुंदर
चूम कर हाथ होठों से,
पीर हरना सिखा जाना ….. वाह वाह ! बहुत खूब !!