कवितापद्य साहित्य

यादें….

आज आपकी यादों में आँखें भर आई ………….

क्या कहुँ क्या सुनु कुछ समझ न आयीं |

बीतें हुए पलों को याद करके उदासी छायीं |

जहाँ भी मैं रहती वहाँ अकेलापन महशुस करती |

आज आपकी यादों ………………….

याद आती है वो पलें जब साथ रहा करती थी |

साथ ही साथ हँसा, बोला ,खेला,करती थी |

कभी भी आपसे बिछड़ने की आशा नहीं रखी थी |

आज आपकी यादों ……………..

परेशानियां भी आती तो आपको ही बताती |

तभी मेरा मन हल्का हो जाती |

आप भी मेरे हर सुख -दुःख में साथ निभाती |

आज आपकी यादों ……………

आज किसे सुनाउ मैं अपनी बातें |

जो बातें आपको सुनाया करती थी |

आपभी प्यारी -प्यारी बातों से भरमाया करती थी |

आज आपकी यादों ……………

वो दिन भी आज याद आ गए |

जब मैं ऑफिस से घर आया करती |

आपने ही तो मेरे लिए नास्ता तैयार रखती |

आज आपकी यादों ……………..

काश ! वो दिन फिर से आ जाएँ |

हम और आप साथ-साथ हो जाएँ |

फिर से एक जूट हो कर सबको हंसाएं |

आज आपकी यादों ……….

निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४

2 thoughts on “यादें….

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

  • यादें अक्सर आने के लिए ही होती हैं निवेदिता जी मेरे पास भी बहुत सी यादें हैं जो बीच बीच में आकर मुझे जगाया करती हैं ….

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