कविता

नेता जी की आरती

ॐ जय जय नेता देवा
जो जन करते तुम्हारी सेवा ,,,
क्लेश विकार उन्हें न होवे ,,
सुख सम्पति चढ़ते सब मेवा ,,
ॐ जय -जय नेता देवा ,…..
भक्ति -भाव से करे जाप जो , ,
उनके कष्ट को हरते आप हो ,,
जो जन उनको त्रास देत हैं ,
उनको आप श्राप देत हैं ,,,
ॐ जय जय नेता देवा ….
मन क्रम बचन करे जो सेवा ,
चिरंजीव खावे नित मेवा ,,,,

आपकी महिमा जो नित गावै ,
दस ग्रह ताहि निकट नहिं आवै ,,,,,,
ॐ जय जय नेता देवा….
आप सोचते ग्रह दस क्या है ,,
नेता से डरते ग्रह सब हैं ,,,,
शुक्र शनि भी बने अर्दली ,
गुरु से मच गयी नयी खलबली ,,
ॐ जय जय नेता देवा
सोम और , रवि गति न पावै
जब तक नेता महात्म्य न गावै

मंगल , बुध शुद्ध तब होई
जब नेता की अस्तुति होई ,,
ॐ जय जय नेता देवा ….
राहू ,केतु का औकात ,,
जऊ नेता से पावहि पार
ॐ जय जय नेता देवा….
जन जन करता आपकी सेवा

कलियुग मे तब पावै मेवा ,
तुम बिनु काम नहीं होवे,
कोई राह नही पाता ,
ॐ जय जय नेता देवा….

उर आनंद समाता ,
जब नेता मिल जाता ,

कटे क्लेश भव बन्धन ,’
जीवन अति आनन्दम
ॐ जय जय नेता देवा
बुरा कभी ना दिल मे रखते
अच्छे से अच्छे हैं डरते
नेता अस्तुति जो जन गावै ,
राज कहे सुख -संपति पावै ,
ॐ जय जय नेता देवा

राजकिशोर मिश्र [राज]

राज किशोर मिश्र 'राज'

संक्षिप्त परिचय मै राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी कवि , लेखक , साहित्यकार हूँ । लेखन मेरा शौक - शब्द -शब्द की मणिका पिरो का बनाता हूँ छंद, यति गति अलंकारित भावों से उदभित रसना का माधुर्य भाव ही मेरा परिचय है १९९६ में राजनीति शास्त्र से परास्नातक डा . राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से राजनैतिक विचारको के विचारों गहन अध्ययन व्याकरण और छ्न्द विधाओं को समझने /जानने का दौर रहा । प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश मेरी शिक्षा स्थली रही ,अपने अंतर्मन भावों को सहज छ्न्द मणिका में पिरों कर साकार रूप प्रदान करते हुए कवि धर्म का निर्वहन करता हूँ । संदेशपद सामयिक परिदृश्य मेरी लेखनी के ओज एवम् प्रेरणा स्रोत हैं । वार्णिक , मात्रिक, छ्न्दमुक्त रचनाओं के साथ -साथ गद्य विधा में उपन्यास , एकांकी , कहानी सतत लिखता रहता हूँ । प्रकाशित साझा संकलन - युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का उत्कर्ष संग्रह २०१५ , अब तो २०१६, रजनीगंधा , विहग प्रीति के , आदि यत्र तत्र पत्र पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं सम्मान --- युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच से साहित्य गौरव सम्मान , सशक्त लेखनी सम्मान , साहित्य सरोज सारस्वत सम्मान आदि

4 thoughts on “नेता जी की आरती

  • विजय कुमार सिंघल

    व्यंग्य अच्छा है !

    • राज किशोर मिश्र 'राज'

      आदरणीय श्री विजय कुमार सिंघल जी आपकी पसंद एवम् प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया एवम् धन्यवाद हौसला अफजाई के लिए आभार

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा ,बहुत खूब राज किशोर जी .

    • राज किशोर मिश्र 'राज'

      आदरणीय श्री गुरमेल सिंह भमरा जी आपकी पसंद एवम् प्रतिक्रिया के शुक्रिया एवम् धन्यवाद हौसला अफजाई के लिए आभार

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