गीतिका/ग़ज़ल

प्यार के बदले में….

 

प्यार के बदले में नहीं कुछ पाना चाहता हूँ
दूर से ही सही तेरा रूप निहारना चाहता हूँ

वो घडी भी आ गयी की तुझे अब जाना है
तेरी पलकों के भीतर छुप जाना चाहता हूँ

यादों की भी एक अलग सी दुनियाँ होती है
वहीँ पर मैं सदा के लिए रुक जाना चाहता हूँ

तेरी मोहब्बत के सिवाय पास मेरे क्या है
सरे राह तेरे कदमों तले लुट जाना चाहता हूँ

रोज रोज लिखता रहूँगा तुझे मैं प्रेम के खत
तेरी रूह से इस तरह मैं जुड़ जाना चाहता हूँ

किशोर कुमार खोरेन्द्र

सरे राह =राह में चलते हुए

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on “प्यार के बदले में….

  • Manoj Pandey

    ग़ज़ल में काफ़िये की तंगी है।

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया.

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