ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
रहे सियासत जातिगत,बंधन से गर मुक्त।
विकसित अपना राष्ट्र हो,अरु खुशहाली युक्त।
अरु खुशहाली युक्त,देश का हर जन होवे।
खाकर रोटी-दाल,चैन से घर में सोवे।
कह ‘पूतू’ कविराय,हृदय में जो भी धारत।
उत्तम है संदेश,स्वस्थ हो तुरत सियासत॥
— पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’
अच्छी कुंडली।