ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
लालू यादव ने किया, पैदा जो टकरार।
खंडित सा दिखने लगा, अब जनता परिवार।
अब जनता परिवार, मुसीबत दिखती ऐसी।
बाँट रहे हैं सीट, छिड़ी पर बकझक कैसी?
कह ‘पूतू’ कविराय, नचाएंगे ज्यों भालू।
माँझी की कर माँग, जाल फेंके हैं लालू॥
लालू यादव ने किया, पैदा जो टकरार।
खंडित सा दिखने लगा, अब जनता परिवार।
अब जनता परिवार, मुसीबत दिखती ऐसी।
बाँट रहे हैं सीट, छिड़ी पर बकझक कैसी?
कह ‘पूतू’ कविराय, नचाएंगे ज्यों भालू।
माँझी की कर माँग, जाल फेंके हैं लालू॥
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अच्छी कुंडली ! अब बिहार से रोज ही चटपटी खबरें आएँगी.