ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
अपने हिंदुस्तान में, रहें सिर्फ चुपचाप।
लोकतंत्र कैसा यहाँ, इससे अच्छी खाप।
इससे अच्छी खाप, जुबां पर ताला डालें।
अभी यहाँ अंग्रेज, मिलेंगे काले-काले।
कह ‘पूतू’ कविराय, छंद क्यों बैठा रचने।
अगर भेज दें जेल, ख्वाब टूटेगे अपने॥