घुटनों का दर्द
आजकल विशेषतः महिलाओं में और पुरुषों में भी घुटने के दर्द की समस्या आम है। इसके कई कारण होते हैं। शरीर का वजन अधिक होना सबसे बड़ा कारण है। वजन का सबसे अधिक प्रभाव घुटनों पर ही पड़ता है। जिनके कूल्हे का आकार और वजन बहुत अधिक है, उनके घुटनों में दर्द होना लगभग अवश्यंभावी है। पैदल न चलना और सीढ़ियां न चढ़कर लिफ्ट का उपयोग करना दूसरा बड़ा कारण है। व्यायाम न करना अथवा बहुत अधिक व्यायाम करना भी एक कारण होता है। इन सब कारणों से बचे रहें, तो घुटनों के दर्द से बचा जा सकता है।
जिनके घुटने अधिक क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उनके लिए कोई पक्का समाधान नहीं है। लेकिन जिनके घुटने बिल्कुल क्षतिग्रस्त नहीं हैं या बहुत कम क्षतिग्रस्त हैं, वे सरलता से इसके दर्द से मुक्ति पा सकते हैं।
1. कूल्हे की चर्बी घटाने के लिए प्रतिदिन तीन-चार मिनट तितली व्यायाम करें।
2. वज्रासन में रोज कम से कम 5 मिनट बैठें। भोजन के बाद भी बैठ सकते हैं।
3. अधिक से अधिक पैदल चलें और रोज कम से कम तीन मंजिल सीढ़ियां चढे़ं। अगर आप पहली मंजिल या भूमि तल पर रहते हैं, तो तीन-चार बार एक मंजिल सीढ़ियां चढ़ें और उतरें। यह बहुत अच्छा और प्रभावी व्यायाम है।
4. अगर घुटनों में सूजन आ गयी है, तो प्रतिदिन एक बार घुटनों की गर्म ठंडी सिकाई करें। इससे बहुत आराम मिलता है। अधिक सूजन हो तो दो बार करें।
5. फास्टफूड का सेवन बंद करके हरी पत्तेदार सब्जियां खायें।
लेख में दी गई जानकारी महतवपूर्ण है। मैं भविष्य के लिए प्रिकॉशन लूंगा। हार्दिक धन्यवाद।
विजय भाई , अच्छी जानकारी है , मेरा अपना भी कुछ तजुर्बा है . मेरी पत्नी तो वैसे भी बहुत सलिम है लेकिन वोह एक्टिव बहुत है और हफ्ते में तीन दिन पारक में ग्रुप वाक् के लिए जाती है जो दो तीन किलोमीटर हो जाता है . फिर वोह सुबह को पोतों को सकूल छोड़ने जाती है जो पंदरां मिनट जाने और पंदरां आने को लग जाते हैं . उस के घुटने बिलकुल ठीक हैं . मैं कुछ ओवरवेट हूँ . २००० में मेरा एक घुटना दर्द करने लगा था . हस्पताल से तीन दफा इंजेक्शन लगवाये लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा . फिर मैंने ऐक्सर्साइज़ पे ज़िआदा जोर दिया , ख़ास कर योगिक . पिछले दस साल से कभी भी घुटने में दर्द नहीं हुआ . पिछले दो महीने से मैंने एक नई एकसारसाइज़ ऐड की है , वोह दो पोल्ज़ को पकड़ कर बैठना उठना . पहले दिन मैं बैठ तो गिया लेकिन उठ नहीं सका था लेकिन मैंने हठ नहीं छोड़ा . धीरे धीरे पहले एक फिर दो फिर पांच और अब पचास हर रोज़ करता हूँ , कोई तकलीफ नहीं है . पिछले हफ्ते से मैं ने पचास सुबह को और पच्चीस दो तीन वजे ऐड कर दिए हैं और मेरा एम् सौ तक जाने का है . मेरा यह बताने का मकसद यह है कि कोई भी मूवमेंट पहले एक दो से शुरू करो , दिल ना छोड़ों ,मंजिल मिल ही जायेगी .
बहुत खूब भाईसाहब !
अच्छी जानकारी मिली श्रीमान जी।नमस्कार!!मेरी चाची जी इसी दर्द से बहुत परेशान है।
नमस्ते. उनको यह उपचार कराइए. निश्चित लाभ होगा. यदि कुछ पूछना हो तो पूछ लेना.