ताजी खबर : ताजी कुंडलिया
बारिश अबकी बार कम, होने का अनुमान।
बेचारे इस सोच में, बैठे मरे किसान।
बैठे मरे किसान, फसल कैसे बोएंगे।
शीश धरा जो कर्ज, भला कैसे ढोएंगे।
कह ‘पूतू’ कविराय, थमी हैं साँसें सबकी।
और मरेगे लोग, अगर कम बारिश अबकी॥
पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’
बढ़िया कुंडली !