कविता
ये भी जरूरी था
वो भी जरूरी था
जो बीत गया
उस पल में
क्या जरूरी है ।
जरूरी है
आने वाला पल
जिसमे न रंजो गम
न सिकन
सब कुछ
सही करने का दम
जिंदगी के पेचोखम
सुलझाने से सुलझते है ।
जरूरी है
इस बात को समझना ।
हर दाग को धोना
हर रिश्ते को जीना ।
जरूरी है ……
धर्म पाण्डेय
बढ़िया !