प्यार का गीत
प्यार का गीत गाता हूँ
तुझे मन मे बसाता हूँ
करे दिल भी मधुर गुंजन
तुझे दिल मे सजाता हूँ
बनो तुम गीत मै प्रेमी
तुझे दिल मे सजाता हूँ,
मधुर झंकार जब होगी
स्वरों से लय बनाता हूँ
स्वरों के लय मे गूंजेगा
बनकवि कविता सजाता हूँ
करूँ शृंगार लेखन का
दिवा मे चाँद दिखाता हूँ
मशगूल होगा चाँद जब
तब कविता बनाता हूँ ,
करूँ स्वागत बना कविता
उन्हे आदित्य कहता हूँ
राजकिशोर मिश्र [राज]
अच्छा गीत !
आदरणीय जी आपकी त्वरित हार्दिक प्रतिक्रिया के ह्रदय तल से सादर कोटिश आभार