कविता

कुछ पल

कुछ क्षण
कुछ पल
कभी मिलें
खुद के लिए
तो जी लें …
सारी उमर
कुछ ही पलों में
न रहे शिकवा
न कोई गिला
सब मिट जाएँ
कुछ ही क्षण में
बस
कुछ ही पल
बस कुछ ही पल
खुद के लिए
ज़माने ने
छीन लिए
सब पल
काश
मैं जी सकूँ
अपनी जिंदगी के
कुछ पल
कुछ क्षण

रमा शर्मा

लेखिका, अध्यापिका, कुकिंग टीचर, तीन कविता संग्रह और एक सांझा लघू कथा संग्रह आ चुके है तीन कविता संग्रहो की संपादिका तीन पत्रिकाओ की प्रवासी संपादिका कविता, लेख , कहानी छपते रहते हैं सह संपादक 'जय विजय'

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