याद …………
मैं तुम्हे जितना याद करती ,
क्या तुम भी याद किया करती हो |
ऐसे याद करो या न करो ,
उस क्षण तो याद जरूर करोगी |
जब अँधेरी रातों में तू ,
तनहा – तनहा सी रहोगी |
उस अँधेरी रात के ,
सपनो में तू याद करोगी |
मेरे भी यादों के सपनो में ,
तुम भी आया करोगी |
तुम हमसे दूर भले ही ,
पर यादों से दूर नहीं |
यादों के इस सिलसिले में ,
हम दोनों यु ही मिला करेंगे |
……………निवेदिता चतुर्वेदी
सुन्दर ..कोमल भावाभिव्यक्ति