कवितापद्य साहित्य

भ्रष्टाचार

आज जरूरत है भ्रष्टाचार से देश को बचाने की
मार झेल रहे है गरीब स्वतंत्रता में परतंत्रता की
हमें उनको उठाना है जिसे है प्रबल उमंगें जीवन की
इसलिए आओ युवक लगा दो बाजी अपने जीवन की

नहीं है कोई व्यक्ति इनके उपर ध्यान करने वाला
बन जाएं हम सब मिलकर इनके भविष्य का रखवाला
इनके रक्षात्मक रणनीति हम सबको बनाना होगा
इनके अन्दर पैदा करना भ्रष्टाचार से लड़ने की ज्वाला

जहां देखते है, वहाँ मिलता भ्रष्टाचार का पलड़ा भारी
यहा इनके जीवन की नईया हो गई है विनाशकारी
बने बहुत से योजना इनको उपर उठाने की सरकारी
राजनेताओं, अधिकारियों से हो गई इनकी बरबादी

सरकार के तरफ दे दिया गया नाम इनका महादलित
हमेशा ज्ञान बिन आलोकित पथ से रहते हैं बिचलित
ये भी है हमारे बन्धु ,हमारा फर्ज है इन्हे राह दिखाना
इनके अन्दर लड़ने के लिए करना है ज्ञान को संचालित।

इनका भी हक बनता है हमारे साथ -साथ चलने की
कदम से कदम मिलाकर गले में गले मिलाकर चलने की
दुनिया से अलग रहने के लिए ऐसा क्यों बना दिया गया है
सरकार से लड़ाई करें इनका भी भविष्य उज्ज्वल करने की
@रमेश कुमार सिंह

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- [email protected]                  [email protected] ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

4 thoughts on “भ्रष्टाचार

  • विजय कुमार सिंघल

    कविता अच्छी है।
    भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे चलता है। जब शासक भ्रष्ट होते हैं तो आम कर्मचारी भी भ्रष्ट हो जाते हैं।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    रामेश जी , भृष्टाचार तो अब ऐसा लगने लगा कि अब भारत में एक नई मिनिस्टरी होनी चाहिए , ministery of curruption

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