गीत/नवगीत

गीत : बेटे की विदाई

अम्मा ने आटे के नौ-दस, लड्‍डू बाँध दिये;
बोलीं- ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’

‘ठोस’ प्रेम का ‘तरल’ रूप, आँखों से छलकाया।
माँ की ममता देख कलेजा, हाथों में आया।

‘दही-मछरिया’* कहकर मेरे, गाल-हाथ चूमे।
समझाया कि सिर पे गमछा बाँध लियो लू में।

बार-बार पल्लू से भीगी, पलकें पोंछ रहीं;
दबे होंठ से टपक रही, बेबस मंजूरी है।

बोलीं, ‘रस्ते में खा लेना,लम्बी दूरी है।’

पिता मुझे बस में बैठाने, अड्‍डे तक आये।
गाड़ी में थी देर जलेबी, गरम-गरम लाये।

छोटू जाकर हैंण्डपम्प से,पानी भर लाया।
मुझे पिलाकर पाँव छुये, कह ‘चलता हूँ…भाया!’

तन की तन्दूरी ज्वाला, दर-दर भटकाती है;
गाँव छोड़के शहर जा रहा- हूँ, मजबूरी है।

बोलीं, ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’

ज्यों ही गाड़ी छूटी, हाय! पिता बहुत रोये।
झुर्री वाले गाल, आँख के पानी से धोये।

रुँधे गले से बोले, ‘लल्ला ! चिट्‍ठी लिख देना…
रस्ते में कोई कुछ खाने को दे, मत लेना।

ज़हरख़ुरानी का धंधा, चलता है शहरों में;
सोच-समझकर चलना, बेटा! बहुत ज़रूरी है।’

बोलीं, ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’

शहर पहुँचकर मैंने दर-दर, की ठोकर खायी।
नदी किनारे बसे गाँव की, याद बहुत आयी।

दरवाज़े का नीम, सामने शंकर की मठिया।
पीपल वाला पेड़ और वह कल्लू की बगिया।

मुखिया की बातें कानों में रह-रहकर गूँजीं;
घर का चना-चबेना…बेटा, हलवा-पूरी है!

बोलीं, ‘रस्ते में खा लेना, लम्बी दूरी है।’

 (शब्दार्थ : *दही मछरिया  =  शुभ-यात्रा, हैपी जर्नी, फलप्रद यात्रा की मंगलकामना के अर्थ में ग्रामीण अंचल में प्रचलित।)

जितेन्द्र जौहर

जन्म : 20 जुलाई,1971 (होरोस्कोप) ◆ जन्म-स्थान : कन्नौज, उप्र । ◆ शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेज़ी : भाषा एवं साहित्य) बी.एड., सी.सी.ए.। (परास्नातक स्तर पर बैच टॉपर)। ◆ सम्प्रति : ए.बी.आई. कॉलेज, रेणुसागर । ◆ लेखन : गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तछंद, हाइकु, मुक्तक/रुबाई, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा, समीक्षा, आलेख, भूमिका, आदि। हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन। ◆ विशेष पहचान : प्रखर काव्य-समालोचक, छंद-मर्मज्ञ, ग़ज़ल एवं ‘मुक्तक/रुबाई विशेषज्ञ’ के रूप में देश-देशान्तर में विशेष पहचान। ◆ भूमिका-लेखन : हिन्दी के सुप्रसिद्ध एवं वरिष्‍ठ लेखकों के अनगिनत मानक संग्रहों में सारगर्भित ब्लर्ब/फ़्लैप एवं भूमिका-लेखन । ◆ प्रसारण : ईटीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ एवं आकाशवाणी के अलावा सिटी चैनल्स पर काव्य-पाठ एवं भेंटवार्ताओं के अनेक प्रसारण । वीडियो एल्बम में फ़िल्मांकित रचना शामिल । ◆ प्रकाशन : देश-विदेश की लगभग 250 पत्र-पत्रिकाओं एवं 50 से अधिक समवेत संकलनों में गद्य-पद्य रचनाएँ प्रकाशित। ◆ कृतियाँ : ‘रोशनी का घट’, ‘अरण्य का सौन्दर्य’, ‘मुक्तक-मणि’ (डॉ. मधुसूदन साहा के चयनित एवं संपादित मुक्तकों का संग्रह)। ‘मुक्तक दशक’ (देश के दस प्रतिनिधि मुक्तककार, समालोचना सहित)। ◆ अनुवाद : कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ (अंग्रेज़ी से हिन्दी)। ◆ स्तम्भ-लेखन : बहुचर्चित साहित्यिक स्तम्भ ‘तीसरी आँख ’, 'मी जौहर बोलतोय' एवं ‘शब्द-संधान’ के स्तम्भकार। ◆ संपादकीय सलाहकार : त्रैमा. ‘प्रेरणा’ (शाहजहाँपुर), 'साहित्य-ऋचा’ (ग़ाज़ियाबाद) एवं 'नये हस्ताक्षर' (हरियाणा) के संपादकीय सलाहकार। ◆ अतिथि संपादक : (1) त्रैमा. 'सरस्वती सुमन’ का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित ‘मुक्तक/ रुबाई विशेषांक’ । (2) ‘आकार’(अनि.) का ‘मुक्तक/रुबाई विशेषांक'। (3) त्रैमा. 'साहित्य त्रिवेणी' (कोलकाता) का 'प्रेम विशेषांक' । ◆ विशेष: (1) स्तम्भकारिता पर शोधकार्य : आगरा विश्वविद्यालय में शोधार्थी द्वारा एक लघु शोध प्रबंध 'तीसरी आँख : एक साहित्यिक अनुशीलन' का कार्य सम्पन्न । (2) अनेक रचनाओं का पंजाबी, गुजराती, अवधी एवं असमिया भाषा में भी अनुवाद हुआ है । (3) अनेक रचनाएँ संगीतबद्ध तथा गायकों द्वारा गायन। ◆ अन्य गतिविधियाँ : (1) विभिन्न ‘पुरस्कार चयन-समितियों’ के निर्णायक-मंडल में शामिल। अनेक राष्ट्रीय एवं ज़ोनल स्तरीय सांस्कृतिक/साहित्यिक आयोजनों में ज्यूरी मेम्बर । (2) साहित्यिक गरिमापूर्ण मंच-संचालन में सुदक्ष । (3) अनेक स्तरीय साहित्यिक समारोहों में मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत। (4) अनेक फ़ेसबुक-समूहों में विशेष आमंत्रित विधा-विशेषज्ञ, एडमिन एवं निर्णायक । √ ◆ कार्यशालाएँ : उ. म. क्षे. सांस्कृतिक केन्द्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार) एवं ‘स्टार इण्डिया फ़ाउण्डेशन’ द्वारा आयोजित विद्यालयी/महाविद्यालयी कार्यशालाओं में ‘फोनेटिक्स’, ‘सेल्फ़-डेवलपमेण्ट’, ‘कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल', 'Write Right' एवं 'Art of Public Speaking', आदि अनेक उपयोगी विषयों के अतिरिक्त ‘छंद और काव्य-सृजन’ पर कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन/मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी एवं 'क्वॉलिटी सर्किल' के दर्जनाधिक Case Presentations में co-ordinator की भूमिका का सफल निर्वाह । ◆ अनेक schools, colleges & institutions की प्रबंध समितियों में Educational advisor & resource person के रूप में स्थाई रूप से नामित सदस्य। Qualitative teaching को सुनिश्चित करने की दिशा में नियमित रूप से सक्रिय भूमिका का निर्वाह! ◆ सम्मान: अ.भा.वै. महासभा द्वारा ‘रजत-प्रतिमा', श्रीमती सरस्वती सिंह हिन्दी विभूति सम्मान (ग्यारह हज़ार रुपये, कादम्बरी संस्था, जबलपुर), पं. संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, साहित्यश्री(के.औ.सु.ब. इकाई मप्र), सृजन-सम्मान 2010, आदि अनेकानेक सम्मान। ◆ रचनात्मक उपस्थिति : वेब पता: http://jitendrajauhar.blogspot.com/ फ़ेसबुक: http://facebook.com/jitendrajauhar ■ संपर्क एवं संवाद : • आई आर- 13/3, रेणुसागर, सोनभद्र (उप्र) 231218. • ईमेल : [email protected] • मोबाइल : 9450320472

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