~भ्रष्टाचार~
कौन नहीं है भ्रष्टाचारी
जरा हमें भी बतलाओ
स्वयं को नेक कहने वाले
जरा अपने गिरेबान में झांक के आओ |
भ्रष्टाचार है ऐसी बीमारी
जो सभी को लगती है एक बारी
कोई तो बताये हमें व्यक्ति ऐसा
जिसने ना काम किया हो
कभी ऐसा -तैसा |
कभी ना कभी तो लिया है
या फिर किसी को दिया है
क्या करे देश में फैली है महामारी
जनता की भी है यह लाचारी |
सभी है यहाँ एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचारी
अपने अंदर से ही खत्म करना होगा बारी बारी
तब जाके कहीं खत्म होगी यह बीमारी
वर्ना दीमक की तरह
चाट जायेगी यह इंसानियत हमारी |
||सविता मिश्रा ||
बहुत खूब !