रहने दो …तुम
रहने दो तुम यह सब सह नहीं पाओगे |
किसी की दर्द भरी आहें तुम सुन नहीं पाओगे |
तुम्हे आदत नहीं मुशकिलो से झूझने की ,
इन मुशकिलों से तुम उभर नहीं पाओगे |
रहने दो तुम…………
ज़िन्दगी इक संघर्ष है तुम खुद को आज़मा नहीं पाओगे |
तुम पले हो महलो मे तुम इस बिछोने पे सो नहीं पाओगे |
रहने दो तुम ………..
कामनी गुप्ता |||***
बहुत खूब .
वाह वाह !