आज ……
आज पुनः जन्म ले लिए ,
धृतराष्ट्र के सौ -सौ बिगड़ैल बेटे |
शहर , नगर , गाँव , गलियों ,
चप्पे -चप्पे फ़ैल गए है |
देश के कोने -कोने और
संसद भवन तक पैठ गए हैं |
कोई भी सरेआम तांडव करता ,
पर कोई कुछ नहीं बोलता |
आज कितने दुर्योधन ,
कितने शकुनि ,कितने जयद्रथ
वही ठहाके लगाते|
हजारो दुःशासन नित्य नए ,
द्रोपती का चीर हरण करते |
हजारो रावण नित्य ,
सीता का हरण करते |
आज कोई कृष्ण नहीं ,
नहीं कोई है राम |
फिर कैसे हो इस राक्षसो से बचाव |
निवेदिता चतुर्वेदी