गज़ल
हर कोई अपने ख्यालों मे खोया नज़र आया |
उसे देखा तो गुज़रा ज़माना फिर याद आया |
उसे भूल जाऊँ यह तो नहीं कह सकता हूँ मैं |
मुझे समझने वाले बहुत कम हैं दुनिया मे |
उनमे से उसका नाम सबसे पहले याद आया |
पता नहीं वो क्या सोचता है मेरे बारे मे |
उसके ख्यालों से अभी वाकिफ नहीं था मैं |
उसकी बदलती नज़रो को जिस दिन देखा मैने |
उसकी यादों को अपने अतीत के साथ दफना आया |
अब कुछ और है मौसम इस दिल का|
इन्तज़ार है तकदीर के दूसरे पहलू का |,
जो बीतेगी फिर लिखूंगा मैं ,
कि कलम तो साथ नहीं छोड़ेगी आखिर |||
— कामनी गुप्ता
Thanks sirji
बढ़िया !