बाल कविता : पेड़ लगाओ
पेड़ न होते इस धरती पर,,
हरी-भरी इसे करता कौन ?
पेड़ न होते तब हम सबको
मीठे फल खिलाता कौन ?
पेड़ न होते तो हम सबको,
शुद्ध वायु देता कौन ?
चलते-चलते जब थक जाते,
शीतल छाया देता कौन ?
पेड़ न होते इस धरती पर,
पंछी को आश्रय देता कौन ?
पेड़ न होते यदि इस जग में,
रिमझिम बरखा लाता कौन ?
हरे -भरे जब तक ये रहते,
बनते जीवन का आधार।
जीवन अपना पूरा करके,
बन जाते घर का शृगांर।
सुरेखा शर्मा
बहुत सुंदर कविता !