फादर डे
फादर डे
[1]
फादर डे की शुभ बेला मे,
कोटि- कोटि अभिनन्दन/
सदा ही आता रहे परम् डे,
जीवन ज्योति आनन्दम/
पिता शब्द आकाश बोध है,
माता धरती जैसी/
माता -पिता शब्द विशद् है,
भाव अनन्त अनेक/
[2]
बालक के जीवन की डोर है पिता,
प्रेम और अनुराग का भाव है पिता/
बालक को अंगुली थमता है पिता,
उसे चलने के काबिल बनाता है पिता/
उनकी राहों को फूलों सा सजाता है पिता,
अंगुली पकड़कर लिखता है पिता/
जीवन की ज्योति बनाता है पिता,
सच्चाई की राह दिखता है पिता/
संस्कार का भाव जगता है पिता,
अनुशासन की सीख सीखता है पिता/
खुशियों का उपवन सजाता है पिता,
नित बालक को काबिल बनाता है पिता/
न्याय की सीख सीखता है पिता,
भूलों के उसके नहीं भूलता है पिता/
सदा सद मार्ग दिखता है पिता,
ज्ञान की ज्योति जगता है पिता/
बाल जीवन मधुर बनाता है पिता,
वीर बालकका भाव जगाता है पिता/
जीवन को सार्थक बनाता है पिता,
लाड़ले को नेह नित सिखाता है पिता/
जीवन के मूलमंत्र का नाम है पिता,
अनन्त अनादि अविनाशी ज्ञान का स्रोत है पिता/
बालक के जीवन की डोर है पिता,
बालक की शक्ति का स्रोत है पिता/
जीवन की सच्ची लोर है पिता,
भावनाओं के समुन्दर का जोड़ है पिता/
२०जून का मून का है पिता,
नवजीवन की मौलिक तस्वीर है पिता/
बालक के जीवन की डोर है पिता/
राजकिशोर मिश्र राज
अच्छी रचना !
आदरणीय जी सादर नमन आपकी पसंद एवम् हौसला अफजाई के लिए ह्रदय तल से आभार