एक मुक्तक
दर्द ऐ गम जो छुपा लिया होता
होंठो पर ताला लगा लिया होता
गुलज़ार होता अपना भी दामन
खता ऐ इश्क जो ना किया होता ।
— गुंजन अग्रवाल
दर्द ऐ गम जो छुपा लिया होता
होंठो पर ताला लगा लिया होता
गुलज़ार होता अपना भी दामन
खता ऐ इश्क जो ना किया होता ।
— गुंजन अग्रवाल
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कुछ ही लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया .
hertly thnxx sir
अच्छा मुक्तक !
dil se thnxx bhaiya