सूरज को अब सोने दो
दिल भर आया आसमान का, आज तो उसे रोने दो
खूब तपाया है सूरज ने , सूरज को अब सोने दो
खाली आँचल है उपवन का , फूलों से भर जाने दो
बीत गया आषाढ़ महीना , सावन को भी आने दो ।
दिल भर आया आसमान का, आज तो उसे रोने दो
खूब तपाया है सूरज ने , सूरज को अब सोने दो
खाली आँचल है उपवन का , फूलों से भर जाने दो
बीत गया आषाढ़ महीना , सावन को भी आने दो ।
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वाह ,किया बात है , कुछ ही लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया .
वाह वाह !