क्षणिका क्षणिका कामनी गुप्ता 06/07/201527/07/2015 बाँट सकु गम तुम्हारे बस इतनी तमन्ना है, खुशियों में गर शामिल ना करो तो कोई गम नहीं है ||| — कामनी गुप्ता
बहुत खूब !